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डेलिवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस का 1,407 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया: लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन्स को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम

डेलिवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस का 1,407 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया: लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन्स को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम

भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, डेलिवरी, जो नई पीढ़ी की लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक प्रमुख नाम है, ने अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी ईकॉम एक्सप्रेस का 1,407 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है। शनिवार को एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इस अधिग्रहण की घोषणा की गई, जो डेलिवरी की रणनीति का अहम हिस्सा है, ताकि वह अपने संचालन को और बड़ा कर सके और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर सके।

डेलिवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस का 1,407 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया: लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन्स को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम


लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एक गेम-चेंजिंग अधिग्रहण

लॉजिस्टिक्स उद्योग, जो ई-कॉमर्स और रिटेल क्षेत्रों की बढ़ती मांग से प्रेरित है, पैमाने और दक्षता पर निर्भर करता है। ईकॉम एक्सप्रेस का अधिग्रहण करके, डेलिवरी महत्वपूर्ण सहक्रियाएं और पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं प्राप्त करने के लिए तैयार है, जो लागत दक्षता, सेवा गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए जरूरी हैं। एक पैमाने पर आधारित व्यवसाय के रूप में, लॉजिस्टिक्स कंपनियां अक्सर कम परिचालन लागत और ग्राहकों को प्रतिस्पर्धी कीमतें देने की क्षमता का लाभ उठाती हैं। इस अधिग्रहण के माध्यम से, डेलिवरी इन लाभों का पूरा फायदा उठाने का लक्ष्य रखता है, और भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत करने का इरादा रखता है।

ईकॉम एक्सप्रेस का अधिग्रहण डेलिवरी को अपनी सेवा श्रेणियों को विविधित करने और एक व्यापक ग्राहक आधार तक पहुंचने का अवसर भी प्रदान करता है। दोनों कंपनियों के मिल जाने से यह बेहतर तरीके से विकसित हो रहे ई-कॉमर्स क्षेत्र की बढ़ती मांगों को पूरा करने में सक्षम होंगी, जो पूरे देश में अपनी पहुंच बढ़ा रहा है।

डेलिवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस का 1,407 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया: लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन्स को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम


डेलिवरी: भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उभरता सितारा

2011 में स्थापित, डेलिवरी भारत की प्रमुख इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं में से एक बन चुकी है। 2022 में, कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करके इतिहास रचा था, और इस प्रकार भारत की पहली लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप बन गई जो सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध हुई। आईपीओ के बाद, डेलिवरी ने अपने संचालन को बढ़ाने और अपनी पहुंच फैलाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जो उसकी मजबूत नेटवर्क, उन्नत तकनीक और आधुनिक लॉजिस्टिक्स समाधानों से लाभान्वित हो रही है।

डेलिवरी की लाभप्रदता में क्षमता का प्रमाण तीसरी तिमाही, FY25 में देखने को मिला, जब कंपनी ने अपने समेकित लाभ में 114% की वृद्धि दर्ज की। तीसरी तिमाही, FY25 में कंपनी का लाभ 25 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले साल इसी समय यह 11.7 करोड़ रुपये था। इसने कंपनी की आईपीओ के बाद पहली बार लाभकारी तिमाही को चिह्नित किया। साथ ही, तीसरी तिमाही में ऑपरेशन्स से राजस्व 2,378 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तीसरी तिमाही में 2,194 करोड़ रुपये था, यानी 8% का वृद्धि।

हालांकि, डेलिवरी के लाभ मार्जिन में मामूली गिरावट देखी गई, जो तीसरी तिमाही, FY24 में 5% से घटकर 4.3% हो गया। यह प्रतिस्पर्धा में वृद्धि के साथ-साथ टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और क्षमता निर्माण में अधिक निवेश का परिणाम हो सकता है। फिर भी, डेलिवरी अपने संचालन में निरंतर सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है, और आने वाले वर्षों में इसके विस्तार की संभावना है।

ईकॉम एक्सप्रेस: ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स मार्केट में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी

ईकॉम एक्सप्रेस की स्थापना 2012 में हुई थी और इसका मुख्यालय गुड़गांव में स्थित है। यह कंपनी खुद को भारत में रिटेल और ई-कॉमर्स उद्योग की बढ़ती लॉजिस्टिक्स जरूरतों को पूरा करने वाले एक प्रमुख सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित करने में सफल रही है। कंपनी ने एक्सप्रेस पार्सल डिलीवरी, वेयरहाउसिंग, और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी जैसे विभिन्न लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करके एक मजबूत पहचान बनाई है।

ईकॉम एक्सप्रेस ने FY24 में 2,607.3 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो इसके लॉजिस्टिक्स बाजार में मजबूत स्थान को दर्शाता है। कंपनी आईपीओ के लिए तैयारी कर रही थी, जिसका प्रस्तावित आकार लगभग 2,600 करोड़ रुपये था। हालांकि, इसके आईपीओ की योजना को बाजार स्थितियों के कारण स्थगित कर दिया गया और इसके कर्मचारियों की छंटनी जैसी कड़ी फैसलों का सामना भी करना पड़ा।

इन समस्याओं के बावजूद, ईकॉम एक्सप्रेस भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना हुआ है। डेलिवरी के अधिग्रहण के साथ, ईकॉम एक्सप्रेस अब डेलिवरी के विशाल नेटवर्क और संसाधनों से लाभान्वित होगा, जो इसके विकास को और तेज करेगा।

अधिग्रहण के पीछे की रणनीतिक सोच

भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जो ई-कॉमर्स की तेजी से बढ़ती मांग, तेज डिलीवरी की आवश्यकता और उच्च परिचालन दक्षताओं के लिए दबाव से प्रेरित है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने हाल के वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है, और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र व्यवसायों को नए बाजारों तक पहुंचने और उत्पादों को अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

ऐसे में डेलिवरी का ईकॉम एक्सप्रेस का अधिग्रहण रणनीतिक दृष्टि से समझ में आता है। भारतीय लॉजिस्टिक्स बाजार काफी विखंडित है, जिसमें कई छोटे और मझोले खिलाड़ी मौजूद हैं। ईकॉम एक्सप्रेस के साथ एकजुट होकर, डेलिवरी खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर रही है, जो ग्राहकों को अधिक व्यापक और प्रतिस्पर्धात्मक समाधान प्रदान कर सकती है।

डेलिवरी के एमडी और सीईओ, साहिल बरुआ ने कहा कि यह अधिग्रहण कंपनी को अपने ग्राहकों की बेहतर सेवा करने में सक्षम बनाएगा, क्योंकि वह बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और कर्मचारियों में निरंतर निवेश करेगी। यह बयान डेलिवरी की व्यापक दृष्टि को दर्शाता है, जो भारत में लॉजिस्टिक्स सेवाओं की गति, पहुंच और लागत दक्षता को बढ़ाने पर केंद्रित है।

भारतीय लॉजिस्टिक्स का भविष्य: समेकन और वृद्धि

भारत में लॉजिस्टिक्स उद्योग समेकन के दौर से गुजर रहा है, और यह अधिग्रहण आने वाले वर्षों में कई और अधिग्रहणों में से एक हो सकता है। डेलिवरी जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के साथ, यह क्षेत्र तकनीक, स्वचालन और बुनियादी ढांचे में और निवेश की उम्मीद करता है, जो लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र की भविष्य की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

ई-कॉमर्स और रिटेल लॉजिस्टिक्स की मांग में वृद्धि के साथ, डेलिवरी के विस्तार से वह अपने बढ़ते और विविध ग्राहक आधार की बेहतर सेवा करने में सक्षम होगी। साथ ही, कंपनी की बढ़ी हुई आकार से उसे लागत दक्षताओं का लाभ मिलेगा, जिन्हें वह ग्राहकों को बेहतर मूल्य और सेवाओं के रूप में प्रदान कर सकती है।

आने वाले वर्षों में हम लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में और अधिक विलय और अधिग्रहण देखने की संभावना रखते हैं, क्योंकि कंपनियां प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपने संचालन को बढ़ाना और सुधारना चाहेंगी। डेलिवरी के लिए, यह अधिग्रहण भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

निष्कर्ष: प्रभुत्व की ओर एक साहसिक कदम

डेलिवरी का 1,407 करोड़ रुपये में ईकॉम एक्सप्रेस का अधिग्रहण भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। दोनों कंपनियां मिलकर पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का लाभ उठाने, अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य प्रदान करने और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए तैयार हैं। डेलिवरी के विकास और नवाचार के सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, और ईकॉम एक्सप्रेस की मजबूत स्थिति के साथ, ये दोनों कंपनियां मिलकर उद्योग में एक शक्तिशाली ताकत बनने के लिए तैयार हैं।

भारत का लॉजिस्टिक्स बाजार तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, और इस अधिग्रहण के साथ, डेलिवरी ने अपनी नेतृत्व स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी का ध्यान प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और कर्मचारियों में निवेश करने पर रहेगा, जिससे वह बाजार की बढ़ती मांगों को पूरा कर सकेगी और अपने ग्राहकों को बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर सकेगी। यह अधिग्रहण न केवल आकार में वृद्धि के बारे में है, बल्कि एक मजबूत और भविष्य-तैयार लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनाने के बारे में भी है जो व्यवसायों और उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों को पूरा कर सके।

जैसे-जैसे भारत में लॉजिस्टिक्स उद्योग विकसित होता जाएगा, डेलिवरी का ईकॉम एक्सप्रेस का रणनीतिक अधिग्रहण इस क्षेत्र के परिदृश्य पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ेगा, जो आने वाले वर्षों में नई दक्षताओं, नवाचारों और प्रतिस्पर्धा का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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